लेखनी प्रतियोगिता -06-Feb-2023 लम्हा लम्हा सांसे ढलती
शीर्षक-लम्हा लम्हा सांसे ढलती
लम्हा लम्हा सांसे ढलती,
जीवन की राह बुनती,
शनै शनै आयुष कम करती।
जितने है जिंदगी के वर्ष,
जी भर के बिताओ वो पल,
जिसमें मिले खुशी हरदम।
ना करो जिंदगी बर्बाद,
कुछ काम करके करो आबाद,
जीवन को दो फिर आवाज।
जब भी रुके सांसे,
प्रभु के आगे जोड़े हाथे,
बस तेरा ही सहारा।
सब कुछ है तेरा,
सारा जगत है मिथ्या,
तेरी भक्ति ही सब कुछ मेरा।
आत्मा में तेरा वास,
तुझ में है मेरी आस,
प्रभु अब जाना है तेरे पास।
लम्हा लम्हा सांसे ढलती,
तेरे घर में है मेरी बस्ती,
तुझ में है प्रभु मेरी हस्ती।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Gunjan Kamal
08-Feb-2023 09:29 PM
बहुत खूब
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सीताराम साहू 'निर्मल'
07-Feb-2023 06:53 PM
👌👏
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Renu
07-Feb-2023 04:26 PM
👍👍🌺
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